एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 19 November 2012
छुपा तो लूं तुझे हथेली में लकीरों की माफिक, पर
छुपा तो लूं तुझे हथेली में लकीरों की माफिक, पर
लहरों सा मचलना औ रेत सा फिसलना तो छोडो
मुकेश इलाहाबादी --------------------------------
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