एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Friday, 23 November 2012
हम तो हया से सर झुकाए हुए थे ,,,
हम तो हया से सर झुकाए हुए थे ,,,
वो समझे कि हम उनकी बंदगी में हैं
मुकेश इलाहाबादी -------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment