एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Wednesday, 7 November 2012
जब जब भी हमने अपने हुनर से वार किया,,
जब जब भी हमने अपने हुनर से वार किया,,
ज़ालिम ने अपनी अदाओं से पलट वार किया
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment