एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday 12 March 2013
ख़्वाबों का आशियाना बनाए बैठे हैं
ख़्वाबों का आशियाना बनाए बैठे हैं
बूते संगमरमर को खुदा बनाये बैठे हैं
रह रह के चमकता है जुगनू
जुगनू को ही दिया बनाए बैठे हैं
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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