एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Tuesday, 12 March 2013
जाम ऐ मुहब्बत तो सब से छुपा बैठे
गुस्ताखी माफ़ !
जाम ऐ मुहब्बत तो सब से छुपा बैठे
शब् भर की खुमारी कंहा ले के जांए ?
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment