Pages

Saturday 16 March 2013

ख्वाब भी अकसर


ख्वाब भी 
अकसर
औकात देख कर आते हैं

गरीब लडकी
की आखों मे
घोड़े पे राजकुमार नहीं आते

रोटियाँ ही रोटियाँ
नज़र आती है
नींद में
रात जब बच्चे
भूखे सो जाते हैं

तब
माँ बाप की आखों मे
ख्वाब नहीं मजबूरियां आती हैं

ख्वाब  भी अक्सर
औकात देख कर आते हैं

मुकेश इलाहाबादी ---

No comments:

Post a Comment