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Friday, 5 April 2013

समन्दर भी मात खाएगा

 
समन्दर  भी मात खाएगा  
जिस  दिन पिघल जाऊंगा
बर्फ का कोहसार हूँ देखना
एक  दिन  पिघल जाऊंगा 
आफताब न गला पायेगा
चांदनी से पिघल जाऊंगा
जिस्म पत्थर हो गया  पर
तेरे इश्क मे पिघल जाऊंगा
मुकेश इलाहाबादी ---------

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