बुढ़ापा क्या आया पढ़े हुए अखबार हो गए
माँ - बाप बच्चों के लिए चौकीदार हो गए
ज़माने ने तो पहले ही कमर तोड़ दी थी
ब्लड प्रेसर औ शुगर के भी बीमार हो गए
पेन्सन से घर और छोटे की पढाई हो गयी
लडकी की शादी के लिए कर्ज़दार हो गए
बेहतर इलाज़ के बगैर पत्नी चल बसी,अब
इस उम्र में तनहा और गुनाहगार हो गए
अब तो बुढापे मे खुद के लिए भी बोझ
और ज़माने भर के लिए बेकार हो गए
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------
मार्मिक,भावुक,मन को भेदती रचना
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
विचार कीं अपेक्षा
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कहाँ खड़ा है आज का मजदूर------?