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Saturday 11 May 2013

मेरा यार बड़ा नखरीला है

 

मेरा यार बड़ा नखरीला है
प्यार ये उसका पहला है;

जुल्फें उसकी काली काली
पर आखों का रंग नीला है

कदमो मे दिल बिछा दिया
प्रेम पंथ जो पथरीला है

बातें करता सीधी - साधी
पर आदत से शरमीला है

हम दोनो हैं लैला मजनू
राज़ ये खुल्लम खुल्ला है

मुकेश इलाहाबादी -------

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