मेरा यार बड़ा नखरीला है
मेरा यार बड़ा नखरीला है
प्यार ये उसका पहला है;
जुल्फें उसकी काली काली
पर आखों का रंग नीला है
कदमो मे दिल बिछा दिया
प्रेम पंथ जो पथरीला है
बातें करता सीधी - साधी
पर आदत से शरमीला है
हम दोनो हैं लैला मजनू
राज़ ये खुल्लम खुल्ला है
मुकेश इलाहाबादी -------
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