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Sunday 30 June 2013

गम अपना खुद से उठाना सीख लिया

 
गम अपना खुद से उठाना सीख लिया
खुद से खुद को समझाना सीख लिया

कोई माझी कोई कश्ती पार नही जाती
खुद से खुद को पुल बनाना सीख लिया

सलीका पसंद लोग खुल के नही हंसते
लिहाजा हमने भी मुस्कुराना सीख लिया

बुतों के शहर मे शाइरी करने के लिये
खुद को भी पत्थर बनाना सीख लिया

खुद को चर्चा मे रखने के लिये मुकेष
खुद को मसखरा कहलाना सीख लिया

मुकेश  इलाहाबादी ....................

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