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Friday 14 June 2013

हम डर डर के गुज़रे हैं उनके कूचे से






हम डर डर के गुज़रे हैं उनके कूचे से
यहाँ हवाएँ भी पूछ के चला करती हैं
मुकेश इलाहाबादी ----------------------

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