एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Friday, 5 July 2013
फूलों की माफिक था अपना दिल
फूलों की माफिक था अपना दिल
ज़माने ने उसे भी धारदार बना दिया
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment