एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 22 October 2013
आज भी हम उसकी दोस्ती के काबिल न हुए,
आज भी हम उसकी दोस्ती के काबिल न हुए,
जब कि ज़माना हमको झुक के सलाम करे है
मुकेश इलाहाबादी --------------------------------
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