एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 15 October 2013
न तो काबलियत रखते हैं न तो ख्वाहिश रखते हैं
न तो काबलियत रखते हैं न तो ख्वाहिश रखते हैं
हम जैसे तो ज़माने मे गुमनाम ही अच्छे लगते हैं
मुकेश इलाहाबादी --------------------------------
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