Pages

Monday 25 November 2013

चलो आओ काम हम कोई तूफानी करें

चलो आओ काम हम कोई तूफानी करें
हवा मे रंग घोलें मौसम शादमानी करें

लहरा के तेरी चुनरी इन फ़िज़ाओं मे
सुर्ख बादलों का रंग फिर आसमानी करें

तुम चुराओ चैन मेरा औ मै चुराऊँ दिल
आओ एक दूजे से थोड़ी बेईमानी करें

तुम कहो मुझे दीवाना औ मै कहूँ  मगरूर
आओ शीरी बातों के बीच बदज़ुबानी करें

तुम मुझे उकसाओ और मै लूं तेरा बोसा
आओ मुहब्बत मे थोडा छेड़खानी करें

मुकेश इलाहाबादी -----------------------------

No comments:

Post a Comment