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Thursday 24 July 2014

तुम्हारी बातों में सच्चाई है

दोस्त बड़े गुस्से में लगते हो
तल्ख़ तेवर में बात करते हो

तुम्हारी बातों में सच्चाई है
गैर देश के वासी लगते हो

नीली -२  झील सी आखों में
तुम किसके सपने बुनते हो

तुम  मुझे अपना पता दे दो
शहर में  तुम कहाँ रहते हो

तुमसे दोस्ती करना चाहूँगा
तुम मुझे अच्छे लगते हो

मुकेश इलाहाबादी ---------

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