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Sunday 28 September 2014

अँधेरा सन्नाटा और उल्लू की आवाज़ है

अँधेरा सन्नाटा और उल्लू की आवाज़ है
देखते जाओ ये तो बरबादी का आगाज़ है
अजब अहमक हो यहां गुलशन ढूंढते हो ?
देखते नहीं, हर घर और दिल में बाज़ार हैं
मुकेश इलाहाबादी -------------------------

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