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Monday 1 December 2014

मै जब भी तेरे घर आउंगा

मै जब भी तेरे घर  आउंगा
तमाम तोहफे लेकर आउंगा

अभी हाले मुफलिसी  है  पर
देखना खूब कमाकर आउंगा

कंगन पायल झुमकी के संग
सतरंगी चूनर लेकर आउंगा

ग़र तुम जमाने से डरती हो
रात चाँदनी बनकर आउंगा

तुम अपनी पलकें बंद रखना
हंसी ख़्वाब बन उतर आउंगा

मुकेश इलाहाबादी .............

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