एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday 16 July 2015
तुम कुछ कहना कुछ बोलना चाहती हो
तुम कुछ कहना कुछ बोलना चाहती हो
मै भी कुछ कहना कुछ सुनना चाहता हूँ
अच्छा है बहुत कुछ खामोशी कह देती है
मुकेश इलाहाबादी -----------------
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