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Monday 5 October 2015

अंधेरी यादों में चमके हैं


अंधेरी यादों में चमके हैं 
तेरी यादें चाँद सितारे हैं 

तेरी बातों की खुशबू से
जीवन बगिया महके है 

लम्बी  उदास  रातों  में 
तेरे  बारे  में ही सोचे हैं 

तू मिसाल ऐ ख़ूबसूरती 
ये फ़रिश्ते भी कहते हैं 

जहां भी जाता हूँ, हम 
तेरे ही किस्से सुनते हैं 

मुकेश इलाहाबादी ----

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