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Wednesday 30 December 2015

मेरा नाम सुन के मुस्कुराते हैं


मेरा नाम सुन के मुस्कुराते हैं
या  फिर लोग खफा हो जाते हैं

कुछ तो अलहदा होगा मुझमे 
लोग यूँ ही नहीं खिचे आते हैं  

अपनों का सुःख दुःख मेरा है
सब अपनी बात बता जाते हैं

मुकेश नेकियाँ भूल कर सभी
वक़्त पे गलतियाँ गिनाते  हैं

मुकेश इलाहाबादी -----

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