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Monday 28 December 2015

बज़्म में तेरी मौजूदगी है

बज़्म में तेरी मौजूदगी है
तभी तो खुश्बू खुश्बू सी है
जबसे तुझसे मिला हूँ मै
तभी से दिल में बेकली है
तू सिर्फ तू ही वज़ह, मेरी
शामो सह्र की आवारगी है
मेरी धड़कन और साँसे तू
मेरी अब तू ही ज़िंदगी है
तेरा इश्क ही पूजा मेरी
मुकेश अब यही बंदगी है
मुकेश इलाहाबादी ---------

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