एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 8 December 2015
तुमसे मिलने की कोई सूरत न होती
गर,
पुनर्जन्म की अवधारणा न होती
तुमसे मिलने की कोई सूरत न होती
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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