Pages

Wednesday 30 March 2016

पहले मेरी प्यास को जगाया गया

पहले मेरी प्यास को जगाया गया
फिर बहते दरिया को सुखाया गया
रेत् पे नज़्म लिखने को कहा,फिर 
नाज़ुक  उँगलियों से मिटाया गया
नए नए अदाओं के तीर ले के आये
उन तीरों को मुझीपे आजमाया गया
मुकेश इलाहाबादी -----------------

No comments:

Post a Comment