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Wednesday, 25 May 2016

न तुम बेज़ुबाँ थे

न तुम
बेज़ुबाँ थे
न हम
बेज़ुबाँ थे
ये और बात
फक्त, इक अलफ़ाज़
न तुमसे
कहा गया
न हमसे
कहा गया

मुकेश इलाहाबादी ------

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