घाव कभी अयाँ न किया
दर्द कभी बयाँ न किया
रात ही रात रही उम्र भर
इसलिए अजाँ न किया
शुरुआत में ही कुचल डाले
ख्वाबों को जवाँ न किया
मुकेश इलाहाबादी -----
दर्द कभी बयाँ न किया
रात ही रात रही उम्र भर
इसलिए अजाँ न किया
शुरुआत में ही कुचल डाले
ख्वाबों को जवाँ न किया
मुकेश इलाहाबादी -----
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