Pages

Sunday 26 March 2017

आज नहीं तुम कल, आना

आज नहीं तुम कल, आना
थोड़ी फुरसत ले कर आना

अम्मा - बाबू, भाई - बहन
सारी झंझट घर रख आना

अपनी, शोख अदाएं लाना
हया मत लाना जब आना

कोई मना करे गर, तुमको
मंदिर जाना है, कह  आना

कोई बहाना मत कर, कल
साँझ ढले पुलिया पर आना

मुकेश इलाहाबादी ---------

No comments:

Post a Comment