तुम
मुझे क्यूँ अच्छी लगती हो ?
ये एक यक्ष प्रश्न है
जिसका उत्तर मेरे पास नहीं है
अगर
रूप मानू तो
तुमसे बेहतर भी होंगे ज़माने में
(ये - मैंने नहीं तुमने ही कहा था )
साहचर्य
मानू तो
तुम मेरे साथ इतना भी नहीं रही कि
तुम्हे देख समझ पाता
तुम्हारे व्यवहार , गुण या किसी और
विशेषता के बारे में भी कुछ ऐसा ही
कहा जा सकता है -
इन सब को छोड़ भी दूँ तो
तुम्हारी घोर उपेक्षा और
घनघोर चुप्पी के बावजूद
मै तुम्हे क्यूँ चाहता हूँ
ये एक यक्ष प्रश्न है ,
मुकेश इलाहाबादी -------------
मुझे क्यूँ अच्छी लगती हो ?
ये एक यक्ष प्रश्न है
जिसका उत्तर मेरे पास नहीं है
अगर
रूप मानू तो
तुमसे बेहतर भी होंगे ज़माने में
(ये - मैंने नहीं तुमने ही कहा था )
साहचर्य
मानू तो
तुम मेरे साथ इतना भी नहीं रही कि
तुम्हे देख समझ पाता
तुम्हारे व्यवहार , गुण या किसी और
विशेषता के बारे में भी कुछ ऐसा ही
कहा जा सकता है -
इन सब को छोड़ भी दूँ तो
तुम्हारी घोर उपेक्षा और
घनघोर चुप्पी के बावजूद
मै तुम्हे क्यूँ चाहता हूँ
ये एक यक्ष प्रश्न है ,
मुकेश इलाहाबादी -------------
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