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Wednesday 7 June 2017

तुम बोलती हो तो

तुम
बोलती हो तो
कुहुकती है
हारिल चिड़िया
जाती है कोयल

तुम चुप होती हो
तो, चुप हो जाती है क़ायनात
तन जाता है सिर पे नीला आसमान
निःशब्द
अहर्निश मौन

तुम्हारा बोले रहना बहुत ज़रूरी है

मुकेश इलाहाबादी ------------------


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