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Friday 22 September 2017

खरीदोगे एक दिन

जैसे
तुम खरीदते हो
बोतलों में बंद पानी
अपनी प्यास के लिए

ऑक्सीजन युक्त मॉस्क
अपने लिये थोड़ी सी
स्वच्छ हवा के लिए

बस
ऐसे ही खरीदोगे एक दिन
अपनी आँखों के लिए दृष्टि
धनकुबेरों से
थोडा सा आस्मान
अपनी थकी और जुड़े हुए
हाथों को फ़ैलाने के लिए

थोड़ी सी आवाज़ अपना मुँह खोलने के लिए
खरीदोगे एक दिन तुम

खरीदोगे
अपने लिए सब कुछ मुट्ठी भर लोगों से

अगर न तानी अपनी मुट्ठियां इन मुट्ठीभर लोगों के ख़िलाफ़

मुकेश इलाहाबादी -----------------------

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