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Monday 26 March 2018

अखण्ड ज्योति

बहुत
पहले, तुमसे  मिलने के पहले 
गहन अंधेरा था
पर अब
अहर्निश
जलती है
अखण्ड ज्योति
मेरे अंतर्मन के,
प्रकोष्ठ में
तुम्हारे नाम की

मुकेश इलाहाबादी ----

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