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Friday 13 April 2018

तेरी तस्वीर देखता हूँ कुछ सपने बुनता हूँ

तेरी तस्वीर देखता हूँ कुछ सपने बुनता हूँ
तनहा रातों में तेरी यादों के मोती चुनता हूँ

लोग पूछते हैं इतना खामोश क्यूँ रहता हूँ
उन्हें क्या पता दिल के अंदर तुझको सुनता हूँ

मुकेश इलाहाबादी ---------------------------

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