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Monday 25 March 2019

परिन्दें कुछ पिंजड़ों में कुछ घोंसलों में उदास बैठे हैं

परिन्दें कुछ पिंजड़ों में कुछ घोंसलों में उदास बैठे हैं
जब से जंगल जमीन और आसमा  रेहन रखे गए हैं

चोरी -डकैती - राहजनी उसी तरह बदस्तूर जारी है
हाकिम कहता है हमने घर - घर चौकीदार रक्खे हैं

मुकेश इलाहाबादी -------------------------

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