तुम
मुस्कुराती हो तो
लगता है जैसे किसी ने
तपती
हुई देहं में
लेप दिया हो
चन्दन का लेप
इस लिए तुम्हारा मुस्कुराना
मेरे जलते हुए वज़ूद के लिए बहुत ज़रूरी है
बहुत ज़रूरी
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
मुस्कुराती हो तो
लगता है जैसे किसी ने
तपती
हुई देहं में
लेप दिया हो
चन्दन का लेप
इस लिए तुम्हारा मुस्कुराना
मेरे जलते हुए वज़ूद के लिए बहुत ज़रूरी है
बहुत ज़रूरी
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
आवश्यक सूचना :
ReplyDeleteसभी गणमान्य पाठकों एवं रचनाकारों को सूचित करते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि अक्षय गौरव ई -पत्रिका जनवरी -मार्च अंक का प्रकाशन हो चुका है। कृपया पत्रिका को डाउनलोड करने हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जायें और अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचाने हेतु लिंक शेयर करें ! सादर https://www.akshayagaurav.in/2019/05/january-march-2019.html