जब
से मैंने
आसमान के हज़ारों तारों में से
एक सितारे का नाम
तुम्हारे नाम पे रख दिया है
तब से
रात का ये स्याह आँचल मुझे
बहुत भाने लगा है
से मैंने
आसमान के हज़ारों तारों में से
एक सितारे का नाम
तुम्हारे नाम पे रख दिया है
तब से
रात का ये स्याह आँचल मुझे
बहुत भाने लगा है
मुकेश इलाहाबादी ----
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