प्यार
में पडी लड़कियों की
ख्वाहिशें भी अजीब होती हैं
कभी तो वो चाहती हैं
जैसे कोइ जौहरी
हीरे जवाहरात से जड़ी अँगूठी
रखता है
बड़े जतन और प्यार से
मखमल की डिबिया में
ठीक वैसे ही
उनकी मुहब्बत उन्हें
क़ैद कर ले अपनी आंखो में
और फिर
मुहब्बत करते वक़्त
उसकी सख्त उँगलियाँ
तब्दील हो जाएँ
मोर पंखी में
जिससे वो सहलाए उनके
मखमली गालों को
और उसकी बाहें
बदल जाएँ रूई के फाहे में
जिसमे उठा के वो
उनके कान के लबों पे रख दे
अपने होंठ और फिर वे
तरबतर हो जाएँ
एक रूहानी खुशबू में
और कभी तो चाहती हैं
वो कैद हो जाएँ
अपने प्रेमी के पहाड़ से सीने में
और फौलाद सी बाँहों में
जिसमे वो दब के
कह उठें "उफ्फ "
और फिर कभी तो
इत्ती मुहब्बत से रूठ के चली जाना
चाहें
अपने प्रेमी से
दूर
और बहुत दूर
मुकेश इलाहाबादी ------------
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