एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 16 March 2012
तुम्हारी इन नशीली जुल्फों के साथ
बैठे ठाले की तरंग ------------------------------------------------------
तेरी इन नशीली जुल्फों के साथ लहराना हमने भी सीख लिया
झटकती हो इन्हें किस कदर,पर बिखरना हमने भी सीख लिया
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------------------------------
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