Pages

Friday 4 May 2012

जब आपने अंगडाइयां ली होंगी

जब आपने अंगडाइयां ली होंगी
फिर बिजलियाँ गिर गयी होंगी
गुलशन में आप गए होंगे, तब
फूल से तितलियाँ उड़ गयी होंगी
जिस जिस तरफ आप गए होंगे
बंद खिड़कियाँ खुल गयी होंगी
आपकी इस मुस्कराहट पे जनाब
स्वर्ण रश्मियाँ बिखर गयी होंगी
सुना है आप बेनकाब आये थे
लाखों जवानियाँ लुट गयी होंगी
 
 
मुकेश इलाहाबादी ----------------

No comments:

Post a Comment