मै जुदा सी एक कहानी लिख जाऊंगा !!!
इकदिन अपनी जिंदगानी लिख जाऊंगा
सूरज से रोशनी लेकर चमकता है चाँद!!
ये बात भी अपनी कहानी में लिख जाऊंगा
प्यार,मुहब्बत और ज़िन्दगी के उसूल,अब
हर बात हो गयी बेमानी लिख जाऊंगा!
देखना एक दिन जलजला आएगा !!!!!!!!!!
गजलों में मै बात तूफानी लिख जाऊंगा !!!!
रात दिन तेरे ही ख्यालों में रहा मशगूल !!!!
तेरी याद भी है कितनी सुहानी लिख जाऊंगा!
ऐ हंसी गर तू हो जाए जिस किसी की,!!!!!!!!
सुबो शाम हो जाए उसकी रूमानी लिख जाऊंगा
रूह की कोइ बातें नहीं करता, अब ! !!!!!!!!
मुहब्बत हो गयी जिस्मानी लिख जाऊंगा !!!!!!
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------
waah sir ji, kya baat likhi hai aapne.
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