आग पानी और तूफ़ान से मेरी यारी है
तुझे बचा ले जाऊंगा मेरी जिम्मेवारी है
दिल ऐ बेकरार रहा है ता ज़िन्दगी, पर
उनसे न की आरज़ू ये मेरी खुद्दारी है
आज जो हमसे महफ़िल में खफा बैठे हैं
उनसे हमारी बहुत पुरानी यारी है
गुलों को तोड़ना इतना आसां नहीं मियाँ
उनके आस पास काँटों की पहरेदारी है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
तुझे बचा ले जाऊंगा मेरी जिम्मेवारी है
दिल ऐ बेकरार रहा है ता ज़िन्दगी, पर
उनसे न की आरज़ू ये मेरी खुद्दारी है
आज जो हमसे महफ़िल में खफा बैठे हैं
उनसे हमारी बहुत पुरानी यारी है
गुलों को तोड़ना इतना आसां नहीं मियाँ
उनके आस पास काँटों की पहरेदारी है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
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