एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 26 August 2012
मदिरा जैसी आखें तेरी,बहकी बहकी आँख
मदिरा जैसी आखें तेरी,बहकी बहकी आँख
फूलों जैसा चेहरा तेरा , महकी महकी सांस
मुकेश इलाहाबादी --------------------------
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