एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Tuesday, 2 October 2012
तेरे आने की खुशी,
तेरे आने की खुशी, मेरी शिराओं,
में घुल भी न पायी थी,
तूने जाने का फरमान सूना दिया ?
मुकेश इलाहाबादी ---------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment