एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 12 October 2012
तुम मुहब्बत में तिजारत क्यूँ ले आते हो ?
तुम मुहब्बत में तिजारत क्यूँ ले आते हो ?
हम तो वैसे ही बेमोल बिक चुके तेरे हाथो
मुकेश इलाहाबादी --------------------------
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