एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Saturday, 6 April 2013
हो के भी आज़ाद परिंदा तेरी क़ैद क़ुबूल
हो के भी आज़ाद परिंदा तेरी क़ैद क़ुबूल
हो वफ़ा हो या ज़फा तेरी हर अदा क़ुबूल
मुकेश इलाहाबादी --------------------
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