Pages

Sunday, 7 April 2013

गुल न कहूं, कली न कहूं


गुल न कहूं, कली न कहूं
दिल न कहूं दिलरुबा न कहूं
अब, ऐ दोस्त तू ही बता दे
कि, मै तुझे क्या कहूं ????
मुकेश इलाहाबादी -----------

No comments:

Post a Comment