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Thursday 11 April 2013

अपने पीछे फक्त एक छोटी सी खबर छोड़ गया

 
अपने पीछे फक्त एक छोटी सी खबर छोड़ गया,,
इलाहाबाद का एक और शायर शहर छोड़ गया,,
जब भी  मिलता जिंदादिली व तपाक से मिलता 
कुछ  दोस्त और कुछ  यादों का नगर छोड़ गया,,
गर्म जोश बातों  के पीछे बर्फ का परवत छुपा था
अपना वजूद पिघला, लावे का समंदर छोड़ गया,
पुरानी  चिट्ठियाँ,गए साल का कलेंडर छोड़ गया,
कई  दिनो से गुमसुम था, चुपचाप शहर छोड़ गया
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------------



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