एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Monday, 8 April 2013
एक टुकडा धुप
एक टुकडा धुप
प्यार की ज़मी मे
बो आया हूँ
अब,
देखना
एक दिन
चाँद उगेगा !!!
तुम भी,
कुछ एहसास के बीज
ले जाओ
तुम्हारे आँगन भी
मुहब्बत की
बगिया लहलाहायेगी
मुकेश इलाहाबादी ------------------
1 comment:
धीरेन्द्र अस्थाना
8 April 2013 at 23:28
बस यही तो बात है एहसास के बीज ले तो जाओ !
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बस यही तो बात है एहसास के बीज ले तो जाओ !
ReplyDelete