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Tuesday 11 March 2014

रखता हूँ मशरूफ़ ख़ुद को किसी न किसी बहाने से

रखता हूँ मशरूफ़ ख़ुद को किसी न किसी बहाने से
कोशिश है अपनी उनको भूल जाऊं इसी बहाने से
मुकेश इलाहाबादी ------------------------------------

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