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Tuesday 24 June 2014

परों में मै अपने इतनी जान रखता हूँ

परों में मै अपने इतनी जान रखता हूँ
फ़लक़ तक उड़ने का अरमान रखता हूँ
मुकेश भले कोई मुझसे करे या न करे
होठो पे मुहब्बत का पैगाम रखता हूँ  
मुकेश इलाहाबादी ------------------------

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