रेत् के बंज़र खेत में बिरुवा उगता हूँ
पानी की सतह पर नज़्म लिखता हूँ
सयानों की महफ़िलों में जाता नहीं,,,
सीधे सादो को अपनी ग़ज़लें सुनाता हूँ
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
पानी की सतह पर नज़्म लिखता हूँ
सयानों की महफ़िलों में जाता नहीं,,,
सीधे सादो को अपनी ग़ज़लें सुनाता हूँ
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
No comments:
Post a Comment